Sunday, April 4, 2010

हिंदू धर्म और दर्शन का पहला विश्वकोष तैयार


ग्यारह खंड,60 लाख से ज्यादा शब्द, हजारों चित्रयुक्त विवरण और दुनिया भर के 1200 से ज्यादा विद्वानों और शोधार्थियों की 20 साल की मेहनत. ये संक्षिप्त परिचय है हिंदू धर्म के अपनी किस्म के पहले और संपूर्ण विश्व वांग्मय का.


इसे भारतीय संस्कृति शोध प्रतिष्ठान, ऋषिकेश ने अंतरराष्ट्रीय हिंदू शोध संस्थानों की मदद से तैयार किया है.
हरिद्वार महाकुंभ के दौरान एक अत्यंत विशिष्ट और भव्य समारोह में इसका लोकार्पण किया गया जिसमें तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा से लेकर योग गुरू बाबा रामदेव, विश्व हिंदू परिषद के अशोक सिंघल, बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी, नजमा हेपतुल्ला और हिंदू धर्म के सैकड़ों धर्माचार्यों के साथ-साथ ईसाई, सिख, जैन और बौद्ध धर्म के प्रतिनिधि गुरू भी उपस्थित थे.
संतों के बीच फ़िल्म स्टार विवेक ओबराय की मौजूदगी भी आकर्षण का केंद्र बनी रही.
भारतीय संस्कृति शोध संस्थान के निदेशक चिदानंद मुनि कहते हैं कि, “ईसाई, इस्लाम, बौद्ध और सिख सभी धर्मों के अपने-अपने विश्वकोष हैं लेकिन सात हज़ार साल पुराने हिंदू सनातन धर्म का विश्वकोष अब तक नहीं था अब इसके प्रकाशन से ये कमी पूरी हो गई है. प्रयास ये है कि लोग आज तक मंदिरों में जाते हैं लेकिन आज इस विश्वकोष के जरिये धर्म खुद लोगों के पास पहुंचेगा.”
संदर्भ ग्रंथ
इस अवसर पर दलाई लामा ने बधाई देते हुए कहा कि वो इसका लोकार्पण करते हुए खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं.
दलाई लामा ने कहा कि, “ये विश्वकोष न सिर्फ हिंदू धर्मावलंबियों के लिए एक महत्त्वपूर्ण संदर्भ ग्रंथ होगा बल्कि पूरे विश्व में धर्म और दर्शन के अध्ययन में भी इसका योगदान होगा.”
सीधे नेपाल से कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे योग गुरू रामदेव ने कहा कि, “हिंदू धर्म एक आध्यात्मिक और वैज्ञानिक चिंतन पद्धति है और बौद्ध, सिख और जैन धर्म और अन्य जुड़े हुए संप्रदाय इसी का विस्तार हैं.”
एक नज़र में देखा जाए तो इस विश्वकोष में हिंदू धर्म के योग-ध्यान-दर्शन, आयुर्वेद, सांख्य-मीमांसा, प्राचीन खगोल, भूगोल, कला, विज्ञान, यज्ञ और कर्मकांड की पद्धतियां, वेद-उपनिषद् पर टीका, रीति-रिवाज और संस्कारों के विशद् वर्णन के अलावा बौद्ध, जैन, सिख धर्मों और हिंदू धर्म की शाखाओं और संप्रदायों का भी विस्तार से विवरण है.
इससे पहले भी हिंदू धर्म को कोषबद्ध करने के छिटपुट प्रयास हुए हैं लेकिन वे ज़्यादातर शब्द कोष के रूप में हैं और एक या दो अंकों में ही समेट दिये गये हैं.
चिदानंद मुनि कहते हैं कि, “दरअसल सबसे बड़ी चुनौती यही थी कि हिंदू धर्म कभी भी संस्थागत नहीं रहा है और उसमें इतने मत-मतांतर हैं कि उन्हें एक सूत्र में पिरोना आसान नहीं था लेकिन शायद यही हिंदू धर्म की विशेषता है.”
इस मौके पर मौजूद वरिष्ठ बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी ने इस अनूठी पहल का स्वागत किया और कहा कि इससे हिंदू धर्म दर्शन की गहराई के बारे में दुनिया को और जानकारी मिलेगी.

Source: BBC
http://www.bbc.co.uk/hindi/india

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